सामूहिक रूप से यंत्रीकृत कृषि अपनाने से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति कृषकों को जागरूक करना।
2.
जिसके यंत्रीकृत कृषि के लाभ से कृषकों को अवगत कराने के उद्देश्य से यंत्रदूत ग्रामों का विकास किया जाता है।
3.
इसके माध्यम से कृषक खेती की लागत क्रय करके उत्पादन में वृध्दि प्राप्त कर रहे हैं तथा कृषकों का रूझान यंत्रीकृत कृषि की ओर बढ़ा है।
4.
हमारे देश का किसान इस युग में पशु-बल कृषि और यंत्रीकृत कृषि के संक्रांति काल से गुजर रहा है, जिसके कारण किसान के लिए नई-नई विकट समस्याएँ पैदा हो रही हैं और किसानों के लाभ में निरंतर कमी होती जा रही है फलस्वरूप आज का किसान वित्तीय कठिनाईयों के दल-दल में लगातार धँसता जा रहा है।